क्या साधु-सन्तों के कारण समाज बँट रहा है?
साधु संत का काम समाज को जोड़ना है समाज को बाँटना नहीं। संतों के निमित्त से तो समाज एक होती हैं और संतों के निमित्त से यदि समाज बँटने लगे तो यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न है। संघवाद, पंथवाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद यह जितनी भी चीजें हैं, यह हमारे समाज को बहुत नुकसान करने वाले पहलू हैं और आजकल कतिपय लोग इन बातों को बहुत ज्यादा फैला रहे हैं। मेरे विचार में इस बात को फैलाने में आज सबसे बड़ा माध्यम बन रहा है आपका whatsapp और social media! बिना सिर पैर की बातें दस-पाँच सिरफिरे लोग पूरी समाज में फैला रहे हैं और पूरी समाज में भ्रम उत्पन्न करते हैं। उल्टी सीधी बातों को करके संतों के मन में जो बातें नहीं होती वह बात भी ऐसे सिरफिरे लोग समाज में पैदा कर देते हैं। मैं कहता हूँ ऐसे लोगों से समाज को बहुत सुरक्षित दूरी बनाकर रहना चाहिए।
Leave a Reply