शंका
क्या आगम में करुणा दान में कबूतरों को, गायों को खाना देने का कोई उल्लेख है?
समाधान
हमारे यहाँ दान के अलग-अलग तरीके में अलग-अलग भेद बताये हैं। दत्ति के चार भेदों में ‘दया दत्ति’, ‘पात्र दत्ति’, ‘सम दत्ति’ और ‘सकल दत्ति’। उनमें ‘दया दत्ति’ करुणा दान है, ‘पात्र दत्ति’ तो चतुर्विध संघ को पात्र दान है जो परम पुण्य का कारण है, सातिशय पुण्य का कारण है। दीन दुखी प्राणियों के प्रति जो करुणा भाव से दया की जाती है उसका नाम है ‘दयादत्ति’! हर प्राणी दया के पात्र है और उसको अपनी भूमिका के अनुरूप दया दान देनी चाहिए। अनुकम्पा सम्यक्त्व की अभिव्यक्ति का एक लक्षण है और करुणा दया को धर्म का मूल बताया गया है। इसलिये ये निश्चित ही पुण्य बन्ध का हेतु है, इसमें किसी भी प्रकार के मिथ्यात्व की सम्भावना नहीं समझनी चाहिए।
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