णमोकार लिखने में अधिक पुण्य मिलता है या फिर बोलने में?

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शंका

णमोकार लिखने में अधिक पुण्य मिलता है या फिर बोलने में?

समाधान

णमोकार लिखने में एकाग्रता ज़्यादा होती है, बोलने में मन भटक जाता है। जिसमें एकाग्रता ज़्यादा होती है उसमें ज़्यादा लाभ होता है।

काली स्याही छोड़कर सब रंग की स्याही से लिखना चाहिए और उत्तम है पाँचों रंग की स्याही से लिखो, इस में एकाग्रता ज़्यादा होगी।

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