शंका
शुभकामना हो या अशुभ, कामना ही क्रोध में हेतु है, यद्यपि शुभ अशुभ से श्रेष्ठ है परन्तु क्या शुभकामना भी दुःख का कारण है?
समाधान
निश्चित, जब तक कामना है तब तक मुक्ति नहीं। मोक्ष की कामना भी मुक्ति में बाधा है लेकिन प्रारम्भ में हमें असद इच्छाओं को रोकना है, सद इच्छाएँ फिर अपने आप रूक जाएंगी।
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