क्या रात्रि विवाह में अष्ट द्रव्य से पूजा उचित है?

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शंका

शादी विवाह में फेरों के समय रात को अष्ट द्रव्य से पूजा की जाती है, क्या यह उचित है?

समाधान

जैन धर्म की दृष्टि से रात्रि विवाह घोर अधर्म है। एक मांगलिक क्रिया की शुरुआत यदि अधर्म से होती है तो उसका जीवन भर दुष्प्रभाव पड़ता है। मैंने जैन पुराणों को पलट कर देखा। हमारे २४ तीर्थंकर या किसी श्लाका पुरुष में से एक के भी रात्रि में फेरे नहीं हुए, सब के दिन में ही विवाह उत्सव संपन्न हुए हैं। 

हमारी संस्कृति दिन में विवाह की है इसलिए समाज को चाहिए दिन में ही वैवाहिक कार्यक्रम करें।

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