गोत्र और अन्तराय कर्म क्या हैं और कैसे बँधते हैं
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | गोत्र और अन्तराय कर्म क्या हैं और कैसे बँधते हैं

कैसे कर्मो के कारण सबके शरीर के रंग, ऊँचाई और रचना आदि में फर्क
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | कैसे कर्मो के कारण सबके शरीर के रंग, ऊँचाई और रचना आदि में फर्क

जानिए हम कब और कैसे आयु का बन्ध सिर्फ 8 बार में करते हैं
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | जानिए हम कब और कैसे आयु का बन्ध सिर्फ 8 बार में करते हैं

उत्कर्षण व अपकर्षण | Jain Karma Theory
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | उत्कर्षण व अपकर्षण | Jain Karma Theory

उदीरणा एवं उदय में अन्तर | Jain Karma Theory
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | उदीरणा एवं उदय में अन्तर | Jain Karma Theory

उदीरणा की परिभाषा | Jain Karma Theory
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | उदीरणा की परिभाषा | Jain Karma Theory

वेदनीय कर्म – 2 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | वेदनीय कर्म – 2 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory

दर्शनावरण कर्म – 9 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या |दर्शनावरण कर्म – 9 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory