आयु कर्म क्या है और कितने प्रकार का है
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जैन तत्त्वविद्या | आयु कर्म क्या है और कितने प्रकार का है Share

गोत्र और अन्तराय कर्म क्या हैं और कैसे बँधते हैं
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मोहनीय कर्म के 2 भेद व कर्म बंध के कारण
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कैसे कर्मो के कारण सबके शरीर के रंग, ऊँचाई और रचना आदि में फर्क
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जानिए हम कब और कैसे आयु का बन्ध सिर्फ 8 बार में करते हैं
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उत्कर्षण व अपकर्षण | Jain Karma Theory
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उदीरणा एवं उदय में अन्तर | Jain Karma Theory
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उदीरणा की परिभाषा | Jain Karma Theory
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वेदनीय कर्म – 2 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory
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दर्शनावरण कर्म – 9 भेद व कर्म बंध के कारण | Jain Karma Theory
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