हताशा से कैसे बचें?
Keep frustration away
“हताशा, निराशा, विपरीत परिस्थितियाँ, frustration, negativity-ये शब्द आज किसी के लिये भी नये नहीं हैं। इन भावों के चक्रव्यूह में हर कोई फंसा हुआ है, दुखी तथा confused है। इसमें से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता। वह कौन सी सोच है जो हमें इतना negative होने पर विवश करती है? चलिये जानते हैं मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज से इस सोच को बदलने का सटीक और सरल उपाय…. “
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