पर्यूषण पर्व में लगने वाले श्रावक संस्कार शिविर की रूपरेखा!

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शंका

पर्यूषण पर्व में लगने वाले श्रावक संस्कार शिविर की रूपरेखा!

समाधान

श्रावक संस्कार शिविर यानि एक ऐसा शिविर जिसमें हमें अपने श्रावकपने के संस्कारों को समारोपित करने का सौभाग्य मिलेगा। पर्यूषण पर्व हम लोगों के बड़े पवित्र दिनों के रूप में जाना जाता है और इन दिनों सब के हृदय में अतिरिक्त विशुद्धि का भाव भी होता है, तो उसका लाभ उठाते हुए पर्यूषण के दिनों में सब लोग कुछ विशिष्ट धर्म आराधना करें और अपने जीवन को चार्ज कर सकें, इस मनोभाव से शिविर लगाया जाता है। विभिन्न साधु सन्तों के सानिध्य में भी शिविर लगाया जाता है। 

हमारे यहाँ जो शिविर लगता है उसमें कुछ अलग तरह का प्रयोग होता है। इसमें स्त्री-पुरुष सब रहते हैं और सुबह से शाम तक धर्म ध्यान के साथ अपने अन्दर एक अलग प्रकार के आनन्द और प्रसन्नता की अनुभूति का वातावरण होता है। जिसकी सुबह की शुरुआत हल्के योग और ध्यान से, फिर नित्य पूजन, अभिषेक, शान्तिधारा, उसके उपरान्त प्रवचन, फिर शुद्ध भोजन, दोपहर में अपनी अपनी सुविधा के अनुरूप सबकी सामायिक, मध्यान्ह में तत्त्वार्थ सूत्र जिसका जीवन व्यवहार पर व्याख्यान, फिर शाम को प्रतिक्रमण, सामायिक और शंका समाधान। कुल मिलाकर सुबह से शाम तक धर्म ध्यान, घर परिवार से दूर रहकर के आप संकल्प और विकल्पों से मुक्त रहें और अपने आप को जितना कस सके, कसें, यह शिविर का स्वरूप होता है। आप शिविर में शामिल हों, बहुत उत्तम बात है। पर ऐसा न करें कि शिविर में शामिल भी हों जाए और दिन में घर चले जाएँ। यह गड़बड़ है। जो भी शिविर में शामिल होंगे उनको सुबह से शाम तक की सारी क्रियाओं में शामिल होना है ताकि वे सर्व विकल्प जालों से मुक्त होकर रहें। आप के यह १० दिन विशुद्ध दिन बने। किसी भी प्रकार का आर्त ध्यान या आकुलता न हो और ध्यान आदि की प्रक्रिया के बल पर अपने भीतर कुछ रुपांतरण घटित करने का प्रयास करें, शिविर का ऐसा ही रूप होगा।

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