मनः पूतं समाचरेत
दर्पण में आप अपना प्रतिबिंब देखते हैं। कब देख पाते हैं? जब दर्पण साफ और स्वच्छ हो। यदि दर्पण में कोई दाग धब्बे हो तो उसमें उभरने वाला प्रतिबिंब भी…
read moreदर्पण में आप अपना प्रतिबिंब देखते हैं। कब देख पाते हैं? जब दर्पण साफ और स्वच्छ हो। यदि दर्पण में कोई दाग धब्बे हो तो उसमें उभरने वाला प्रतिबिंब भी…
read moreदृष्टि में मर्म जीवन में धर्म बीज की सार्थकता वृक्ष के रूप में विकसित होकर फलवान बनने में हैं। बीज धरती के गर्भ में समाहित होकर अंकुरित होता है, पल्लवित…
read moreपरिग्रह को पाप क्यों कहा है? Why is accumulation considered a sin? “आजतक जिन लोगों ने अपनी आत्मा को पवित्र-पावन बनाया है ये सभी सिद्ध भगवान अपरिग्रह महाव्रत का आधार…
read moreब्रह्मचर्य का वास्तविक स्वरूप Real meaning of celibacy ब्रह्मचर्य व्रत का अत्यधिक महत्व है। ब्रह्मचर्य को सभी तपों में सर्वोपरी तप कहा गया है। ब्रह्मचर्य हमारी आत्मिक शक्ति है। छांदोग्योपनिषद्…
read moreजैन धर्म में करवाचौथ Karwa Chauth in Jainism करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व सुहागिन स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब ४…
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