ललक अपने में लीन होने की
ललक अपने में लीन होने की शिष्य ने गुरु से पूछा कि इतना धर्म सुनने के बाद भी धर्म के प्रति हमारा लगाव क्यों नहीं बन पाता? गुरु ने उत्तर…
read moreललक अपने में लीन होने की शिष्य ने गुरु से पूछा कि इतना धर्म सुनने के बाद भी धर्म के प्रति हमारा लगाव क्यों नहीं बन पाता? गुरु ने उत्तर…
read moreकैसी हो रुचि? आज बात ‘र’ की है। ‘क’ से ‘य ‘तक आपने काफी रस लिया और मैं देख रहा हूँ कि आप सबने बड़ी रुचि पूर्वक सुना। आज मैं…
read moreभाव ही हमें चढ़ाते हैं, भाव ही गिराते हैं पुत्र पिता के पास प्रसन्नचित होकर आया और पिता से कहा- पिताजी आज हमने एक बड़ा सौदा किया है, भारी मात्रा…
read moreकैसे करें पुण्य की कमाई? कल पाप की बात की गई। सुदर्शन जी ने मुझसे कहा- महाराज! पुण्य की भी बात कर लो तो बात पूरी होगी नहीं तो बात…
read moreक्यों डरें पाप करने से? एक व्यक्ति ने अपने घर के आंगन में बबूल का पेड़ बोया, रात-दिन वह उसे सींचता, खाद-पानी देता, चौबीस घंटे उसमें रमा रहता। उसकी इस…
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