पुण्य और पुरुषार्थ

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पुण्य और पुरुषार्थ
Punya and Efforts

जीवन में पुण्य पुण्य कार्य तो अवश्य ही करने हैं, मगर पुण्य के सहारे पुरुषार्थ को नहीं छोड़ना है। पुण्य करने से हमारे भाव बदलते हैं और पुरुषार्थ करने से पुण्य करने की ताकत आती है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर जी के आशीष वचन।

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