ब्रह्मचर्य का वास्तविक स्वरूप
Real meaning of celibacy
ब्रह्मचर्य व्रत का अत्यधिक महत्व है। ब्रह्मचर्य को सभी तपों में सर्वोपरी तप कहा गया है। ब्रह्मचर्य हमारी आत्मिक शक्ति है। छांदोग्योपनिषद् में ब्रह्मचर्य के विषय में कहा गया है कि ब्रह्मचर्य के पालन का फल चारों वेदों के उपदेश के समान है।।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा ब्रह्मचर्य का वास्तविक स्वरूप।
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