हिन्दू धर्म और जैन धर्म में क्या रिश्ता है?
Relation between Hindu and Jain Religions
“””दोनों धर्म के शुरुआती दौर में न तो जैन शब्द था और न ही हिन्दू। वैदिक और श्रमण शब्द जरूर प्रचलन में था। भारतभूमि पर ये दो धाराएँ शुरुआत से ही प्रचलन में रहीं। कहीं-कहीं इनका संगम हुआ तो कहीं-कहीं ये एक-दूसरे से बहुत दूर चली गईं, लेकिन दोनों का लक्ष्य एक ही रहा है और वह है- मानव का कल्याण ।
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