शंका
धर्म पाप रोकने की बात कहता है
समाधान
जैन दर्शन यह कहता है कि बुरा कार्य करते ही उसको PUNISHMENT मिल जाता है। भारतीय दण्ड संहिता ऐसी है कि बुरा कार्य करने के बाद जब तक वह अपराध सिद्ध नहीं होता, तब तक सजा नहीं मिलती है। यह आई पी सी की धारा के अन्तर्गत है; उसकी व्यवस्था मैं नहीं बना सकता। धर्म पाप को रोकने की बात करता है, अपराध को नहीं। पाप अपराध का प्रारम्भिक रूप है जो मन से शुरू होता है और अपराध पाप का प्रकट रूप है, जो बाहर दिखता है। हम पाप को रोकें, अपराध अपने आप रुक जायेंगे।
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