सफलता सुन्दर चेहरा देखकर प्यार नहीं करती। सफलता मेहनत, लगन और ढृढ़ इच्छा शक्ति की दीवानी होती है। हम अपनी इच्छा शक्ति में किस तरह दृढ़ता लाएँ कि हम धर्म मार्ग को प्रशस्त कर अपने जीवन को सफल बना सकें और मोक्ष मार्ग की और बढ़ सकें?
बहुत अच्छा वाक्य आपने कहा है, “सफलता सुन्दर चेहरा देख कर के वरण नहीं करती, वह कड़ी मेहनत, लगन और ढृढ़ इच्छा शक्ति को ही प्यार करती है, उसे ही स्वीकार करती है”। तो सफलता को जो चाहते हैं, उन्हें चाहिए की वह कड़ी मेहनत करें, लगन रखें, दॄढ़ इच्छा शक्ति रखें, तभी सफलता उसको वरेगी अन्यथा वह सफलता का लाभ नहीं ले सकता। जीवन में जितने भी सफलतम लोग हैं, उनको देखें, उनके जीवन चरित्र को पलटकर देखें, उनके जीवन में कितने संघर्ष हुए यह देखें, उन्होंने जीवन में जो ऊचाईयाँ छुई है, उसके पीछे की वजह क्या है? किस तरह से उन्होंने कड़ी मेहनत की, लगन, निष्ठा से जुड़े और दॄढ़ इच्छा शक्ति को जगा कर ऊँचाई को छुआ, हमें उनसे प्रेरणा मिलेगी।
मैं आपसे कहना चाहता हूँ जो लोग अपने जीवन को सफलीभूत बनाना चाहते हैं, उन्हें चाहिए कि वे ऐसे लोगों के जीवन चरित्र को पढ़ें जिन्होंने अपने जीवन को सफलता के शिखर पर पहुँचाया है और उनसे प्रेरणा लें कि जीवन के किस मोड़ में उन्होंने अपने आप को कैसे संभाला, जीवन में आनेवाली चुनौतियों का किस तरह से सामना किया। इस से हमें कार्य करने का एक अनुभव आएगा, तरीका आएगा।
अपनी इच्छा शक्ति को जगाये रखने के लिए हमें कुछ मोटिवेशन चाहिए, सेल्फ मोटिवेशन भी अपने आप लेना बहुत जरुरी है, अगर मनुष्य सफल होना चाहता है, तो उसको चाहिए की हर पल अपनी सफलता को अपने मानस पर अंकित करे, एक गोल निश्चित करे, एक टारगेट निश्चित करे और ‘ये मुझे achieve करना है’, बस उसे ही देखे, उसे ही सोचे, उसे ही सुने, उसका ही अनुभव करे और एक ऐसी धुन लग जाए की फिर इधर-उधर कुछ हो ही नहीं, वही मनुष्य सफल हो सकता है। कोई सोचे कि ‘हाँ हो गया तो ठीक, नहीं हुआ तो ठीक!’ ऐसे व्यक्ति के जीवन में कभी उपलब्धियाँ नहीं हो सकती।
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