यदि कोई नशा करता है, तो क्या उसे अभिषेक करना चाहिए?
अभिषेक करने वाले को नशा नहीं करना चाहिए और यदि नशा करने वाला अभिषेक करने आये तो उसे कभी नहीं रोकना चाहिए। वह अभिषेक करेगा तो उसके मन का पाप धुलेगा। आज वह नशा कर रहा है, कल उसका नशा भी छूट जायेगा। जिस दिन उसके मन में ये बात आ जायेगी कि ‘मैंने जिन हाथों से भगवान के अभिषेक का कलश छुआ है उन हाथों से बोतल छूना ठीक नहीं है। जिन हाथों से भगवान के चरणों में अर्घ्य चढ़ाता हूँ उन हाथों से बीड़ी-सिगरेट छूना ठीक नहीं है’; उसी दिन उसका जीवन सुधर जायेगा।
इसलिए, यदि कोई व्यक्ति नशा करता है, तो उसके लिए मन्दिर के दरवाज़े बंद मत करो क्योंकि उसके सुधार की गुन्जाइश केवल भगवान की शरण में ही है। अगर वहाँ रोक दोगे तो गड़बड़ होगा। एक बार आचार्य श्री से किसी ने पूछा कि ‘महाराज जी! कुछ लोग उल्टा-पुल्टा काम करते हैं और धर्म के क्षेत्र में आगे आते हैं, कम से कम आपके सामने तो ये चीज ठीक नहीं है’, तो उन्होंने सहज जवाब दिया कि “मरीज़ अस्पताल में नहीं आयेगा तो कहाँ जायेगा?”
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