शंका
मेरे बेटे को धन का लालच नहीं है, लेकिन उसके पास इतना अधिक भी नहीं है। मरने के उपरान्त सारी सम्पत्ति दान में देनी चाहिए या बेटे को?
समाधान
आपने पूछा कि मरने के उपरान्त दान में देना चाहिए या अपने बेटे को देना चाहिए? शास्त्र विधानानुसार यदि आपने अपनी सन्तान को जन्म दिया है, तो सर्वस्व त्यागकर के दीक्षा लेने का निषेध है; इसको कहते हैं सकलदत्ती। सकलदत्ती अर्थात आप अपनी पूरी सम्पत्ति दान में नहीं दे सकते। जैन कानून के अनुसार उसका एक अंश आपको अपनी सन्तान को देना होगा। यदि आपने सन्तान को पहले ही सम्पत्ति दे दी तो बात अलग है और यदि सम्पत्ति नहीं दी तो सम्पत्ति का एक अंश आप अपनी सन्तान को दें बाकी आप दान कर सकते हो। पर सब दान करना धर्म की दृष्टि से ठीक नहीं है।
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