क्या कृषि खेती में कीटनाशक दवाई डालनी चाहिए? आज के कीड़े बहुत ही हानि पहुँचा रहे हैं?
अगर आप किसी भी तरह के कीटनाशक का प्रयोग कर रहे थे, तो घोर संकल्पी हिंसा है, ऐसा कृत्य कभी नहीं करना चाहिए। कृषि करते समय अहिंसा का पूरी तरह ध्यान रखना चाहिए।
एक बात यह ध्यान रखें, धरती में बोया हुआ बीज ही नहीं फलता, आपका पुण्य भी फलता है। कीटनाशकों का तो और दुष्प्रभाव पड़ रहा है, कीटनाशकों का असर कीड़ों पर कम, अनाज पर या आपकी जो फसल है उस पर ज़्यादा पड़ रहा है, तो यह ठीक बात नहीं है। इसमें अन्धाधुंध प्रयोग से तो यह नुकसान है कि माँ के दूध में डीटीपी का परसेंटेज आने लगा है जो कीटनाशकों के रूप में प्रयोग किया जाता है। कीटनाशक प्रयोग में लिया ही न जाए। ये जो ढेर प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं उसमें कीटनाशकों की एक बहुत बड़ी भूमिका है। इसके लिए देसी खाद का प्रयोग किया जाए और फसल रक्षक घोल जो आजकल विकसित हुआ है, गोमूत्र के माध्यम से बनता है, उसका अगर इस्तेमाल किया जाए तो कीड़ों की उत्पत्ति ही नहीं होगी और जब कीड़ों की उत्पत्ति ही नहीं होगी तो कीटनाशक का सवाल ही नहीं होगा। फसल रक्षक घोल का जो प्रयोग कर रहे हैं, यह बताया जाता है कि उससे फसल पर छिड़काव करने से उसमें पत्तों का स्वाद बदल जाता है, तो कीड़े वहाँ होने के बाद भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते तो इसमें कोई दोष नहीं है।
मैं आपको बताता हूँ मध्यप्रदेश में मेरे सम्पर्क में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो बड़े-बड़े की किसान हैं। एक बार मैंने कीटनाशकों के प्रयोग का निषेध किया तो मुझे मालूम पड़ा कि दो भाई हैं जिनकी बहुत लम्बी चौड़ी खेतियाँ हैं, डेढ़-डेढ़ सौ एकड़ से ऊपर की खेती है। मैंने समझाया, एक भाई ने मुझसे नियम ले लिया कि ‘महाराज आज के बाद से मैं कभी कीटनाशक का प्रयोग नहीं करूँगा, मुख्य रूप से चना की फसल में कीटनाशक का इस्तेमाल होता था, मैं चना ही नहीं बोऊँगा, गेहूं बोऊँगा।’ दूसरे भाई से कहा कि ‘भैया तुम भी ले लो’। बोले- ‘महाराज दो-दो बेटियाँ हैं, उनकी शादी करनी है, अभी तो मैं नहीं कर सकता।’ मेरी बात नहीं माना, जबरदस्ती को नियम दिया नहीं जाता और मैं देता भी नहीं। बाद में हुआ यह कि जिसने गेहूं बोया सामान्यत: १२ से १५ गुना गेहूं होता है उनका २८ गुना गेहूं हुआ। जिस व्यक्ति ने चना बोया, इस बार और ज़्यादा चना बोया, कीटनाशकों के प्रयोग करने के बाद भी उनकी पूरी फसल चौपट हो गई। जितना आता था वह बीज भी नहीं लौटा क्योंकि उस साल इल्ली का प्रकोप बहुत ज़्यादा हो गया। कीटनाशक का प्रयोग करने के बाद हिंसा भी किया और लाभ भी नहीं मिला इसलिए ऐसे प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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