सूर्यास्त से पूर्व भोजन
लाभ या हानि ?
भोजन को हमेशा सूर्यास्त पूर्व ही करना चाहिए, क्योंकि रात्रि भोजन से अनिवार्य रूप से हिंसा होती है। सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति को रोकती हैं, जबकि कृत्रिम प्रकाश में जीवों की उत्पत्ति बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है।
रात्रि भोजन के दोष-
1 रात्रि भोजन संयम का विनाश करने वाला होता है।
2 रात्रि मे वातावरण का ताप सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति मे अनुकूलता पैदा करता है जिससे ये जीव जरा सा हवा का झोंका लगने से देखते ही देखते मर जाते हैं और भोजन में मिल जाते हैं जिससे मांस खाने का दोष लगता है।
3 सूर्यास्त के बाद भोजन करने से मनुष्य खराब कुल में और दरिद्री होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
सूर्य प्रकाश पाचन शक्ति का दाता है। रात्रि के समय हृदय और नाभि कमल संकुचित हो जाते हैं जिससे उस समय भोजन करने से पाचन क्रिया धीमी और गड़बड़ हो जाती है।सूर्य के प्रकाश में नीले आकाश के रंग में सूक्ष्म कीटाणु स्वतः नष्ट हो जाते हैं। रात में कृत्रिम प्रकाश जितना तेज होता है उसी अनुपात में सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति उतनी ही अधिक होती है जो भोजन में गिर जाते हैं जिससे पेट में असाध्य रोग हो सकते या हो जाते हैं। दिन मे वृक्ष आक्सीजन छोड़ते हैं जिससे पर्यावरण शुद्ध रहता है जबकि रात्रि मे पेड़ कार्बोनिक गैसों को छोड़ते हैं जिससे पर्यावरण अशुद्ध हो जाता है। इसलिए सूर्यास्तपूर्व भोजन स्वास्थ्य वर्द्धक होता है।
धार्मिक पहलू
जो लोग सूर्यास्तपूर्व भोजन करते हैं, उन्हें एक महीने में 15 दिन के उपवास का फल मिलता है; इसी से श्रावक की पहचान है। हिंसा से बचाव होता है।
अतः सूर्यास्त पूर्व भोजन से लाभ ही लाभ हैं।
Edited by: Neelima Sandeep Agarwal, Lucknow
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