पंचकल्याणक पूजा कराने और विरोध करने के भाव का फल!

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शंका

जो पंचकल्याणक पूजा कराने का भाव रखते हैं उनको फल क्या मिलता है और जो विरोध करते हैं उन्हें क्या फल मिलता है?

समाधान

पंचकल्याणक कराने का जो भाव रखते हैं, वह परम कल्याण को प्राप्त करते हैं और पंचकल्याणक की पूजा का जो विरोध करते हैं, वह महान अन्तराय कर्म का बन्ध करते हैं।
जिन पूजा में अवरोध उत्पन्न करना तीव्र अन्तराय कर्म के बन्ध का कारण है। जिन पूजा में पंचकल्याणक पूजा महापूजा है, सर्वश्रेष्ठ पूजा है। उसमें अगर कोई अन्तराय डालता है, तो महान अन्तराय कर्म का बन्ध करता है और वह भविष्य में दरिद्रता को प्राप्त होगा।

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