धर्मी कभी दुखी नहीं, अधर्मी कभी सुखी नहीं
The righteous (dharmi) is never sad, the unrighteous (adharmi) is never happy
प्राय लोगो का ये मानना होता है की जो व्यक्ति ज्यदा धर्म कर्म करता है वह अधिक दुखी होता है और जो पाप कर्म करता है उसे सुख की अनुभूति होती है। लेकिन सच इसके बिलकुल उल्ट है सच्चा धर्मी विपरीत परिस्तिथि में भी दुःख की अनुभूति नही करता – सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर जी से धर्मी कभी दुखी नहीं, अधर्मी कभी सुखी नहीं।
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