मन्दिर के द्रव्य के उपयोग का फल

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मन्दिर के द्रव्य के उपयोग का फल
Utilising temple’s things

“मन्दिर प्रतिष्ठा जिनेन्द्र—पूजा, जिनयात्रा, रथोत्सव और जिनशासन के आयतनों की रक्षा के लिए प्रदान किये गये दान को जो मनुष्य लोभवश ग्रहण करते हैं अर्थात् उस द्रव्य से भविष्य में होने वाले धर्मकार्य का विध्वंस कर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं, वे मनुष्य नरकगामी होते हैं

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