उत्तम आर्जव धर्म

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क्षमा और मार्दव के समान ही आर्जव भी आत्मा का स्वभाव है। आर्जवस्वभावी आत्मा के आश्रय से आत्मा में छल-कपट मायाचार के अभावरूप शांति-स्वरूप जो पर्याय प्रकट होती है, उसे भी आार्जव कहते हैं। यद्यपि आत्मा आर्जवस्वभावी है, तथापि अनादि से ही आत्मा में आर्जव के अभावरूप मायाकषायरूप पर्याय ही प्रकट से विद्यमान हैं

उत्तम प्रवचन

उत्तम आर्जव | मंगल प्रवचन | मुनि प्रमाणसागर जी
उत्तम आर्जव धर्म- मायाचारी को त्यागो

उत्तम सूक्तियाँ

  • अहंकार और कपट रूपी कीड़े परिवार रूपी वृक्ष को नष्ट-भ्रष्ट कर देते हैं।
  • अहंकार की आरी और कपट की कुल्हाड़ी परिवार को काट डालती है।

उत्तम कहानियाँ

उत्तम आर्जव धर्म कहानी | Uttam Arjav Dharm Story | Daslakshan Series | Jain Animated Stories

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