हम प्रतिमा लेना चाहते हैं पर दूध और पानी की समस्या है। हम आपसे समाधान चाहते हैं कि यदि पानी और दूध के लिए काल की परिस्थितियाँ प्रतिकूल हैं, तो हमारे लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए? इस तरह तो व्रत की परम्परा समाप्त हो जाएगी।
आप प्रतिमा लेना चाहते हैं और दूध-पानी की समस्या है, तो आप वहाँ रहना शुरू कर दीजिए, जहाँ दूध और पानी सुलभ हैं। वैसे अब इस उम्र में आपको दूध की आवश्यकता नहीं है, आप बिना दूध के भी रह सकते हैं।
आजकल सोया मिल्क (soya milk) बहुत तेजी से प्रचलित हो रहा है, उसका प्रयोग भी कर सकते हैं। वीगन (vegan) लोग तो इसको बहुत ज़्यादा प्रवर्तित और प्रचारित भी करते हैं। आप उसको लेकर के काम चलाएँ, देखें वह आपके स्वास्थ्य के अनुकूल है अथवा नहीं।
जहाँ तक पानी का सवाल है, तो पानी अब समस्या नहीं है। आप अहिंसा जीवाणी यन्त्र लगाकर 4 इंच के बोरिंग से निकाला हुआ पानी भी ले सकते हैं। एक और अच्छी व्यवस्था जो अभी हाल के दिनों में मेरी जानकारी में आई, मुझे बहुत अच्छा प्रयोग लगा। आप बारिश के पानी को एकत्र करके साल भर पीने के काम में ले सकते हैं। उसके लिए अपने घर में व्यवस्थित टैंक बना लें। मैंने पहले भी इसके विषय में कहा है।
आप इन दोनों विकल्पों के माध्यम से ऐसा काम करें जिससे आपका व्रत चल सके और जब तक ऐसा नहीं कर सकते, तब तक आप प्रतिमा न लें, प्रतिमा का अभ्यास करें। बारह व्रतों में अन्य व्रतों का जितना पालन हो सके करें और भावना भाएँ कि शीघ्र अतिशीघ्र अनुकूलता बने और इन प्रतिमाओं का ही सही ढंग से पालन कर सकें।
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