महाराज जी, कुँए का पानी शुद्ध कहलाता है या बोरिंग का पानी?
जिस पानी मे बिन छानी की व्यवस्था हो वह पानी शुद्ध है, चाहे वह कुँए का हो या बोरिंग का। पर बोरिंग का जो पानी आप लोग पीते हो, जिसमें मोटर से पानी मथ कर के ऊपर आता है उसमें श्रावक के मूल गुण जो जल छानने की प्रक्रिया का, है जल गालन नामक जो मूल गुण है वह नहीं पलता। वह उचित नहीं है।
कुँए का पानी आपको पीना चाहिए। और यदि कुँए का पानी उपलब्ध नहीं है तब आपको चिंता करने की बात नहीं। पहले भी मैंने इसके बारे में बताएं। अहिंसा जिवाणी यंत्र अब बहुत अच्छे तरीके से विकसित हो गया। अब आप अपने घर में बोरिंग कीजिए और बोरिंग करने के बाद उसमें वो अहिंसा जीवाणु यंत्र को लगवा लीजिए। कितनी भी डीप बोरिंग ५०० फुट नीचे तक पानी आपको लाना हो तो वहाँ से आप चार मिनट में पानी अपने लिए ले सकते हैं, इतनी व्यवस्था है। और उसमें उन्होंने दोनों तरह की व्यवस्था की कि रस्सी से भी खींचता है, मथ के नहीं आता। वह मैन्युल भी होता और मोटर से भी होता है। जिसको देखना है वह गुणायतन के जो नए परिसर में सामने के परिसर में वह है। आप लोग उसको देख सकते हैं। यहाँ के ऑफिस के लोगों से संपर्क करके।
मैं तो कहता हूँ प्रत्येक जैन मंदिर में एक अहिंसा जिवाणी यंत्र लगना चाहिए। क्योंकि कुँऐ आजकल खराब होते जा रहे हैं, उनमें sewer का पानी जाता जा रहा है, प्रदूषित हो रहे हैं। और अन्य प्रकार के झमेले आ रहे हैं। इसलिए अभी समय रहते बोरिंग करा लीजिए। कहीं ऐसा ना हो आने वाले दो पांच वर्षों में सरकार आपके बोरिंग पर ही प्रतिबंध लगा दें। तो आपको आने वाले दिनों में भगवान के अभिषेक पूजन के लिए या किसी साधु के आहार के लिए या आपके खुद व्रति बनने के लिए बाधक बन जाए। इसलिए यह बोरिंग की व्यवस्था उन्होंने आठ इंच की केसिंग के अंतर्गत, ऐसी व्यवस्था की है कि आठ इंच केसिंग के अंदर आपका सबमर्सिबल पम्प भी लग जाये। इसके साथ अहिँसा जिनवाणी यंत्र की बाल्टी जो लगभग 3 इंच चौड़ी होगी एक बार में ५ लीटर पानी आपको दे देगा। यह पूरी व्यवस्था है सामने आप लोग देख सकते हैं। बिल्कुल शुद्ध आगमानुकुल, बल्कि इस अहिँसा जिवाणी यंत्र मैने देखा झ्समें पानी निकलने की जो प्रकिया है वह कुँऐ मे बिन छानी डालने से भी अच्छी प्रकिया है। आप लोग उसका पालन करें। अधिक से अधिक लोगों को प्रसारित करें। हर मंदिर में ऐसा करे ताकि आप एक जो अशुद्ध जल से भगवान के अभिषेक करने का पाप कर रहे हैं उससे बचें। शुद्धता का पालन करें और जो व्रती हैं उसके बारे में ऋषभ जैन जो विदिशा के हैं, उनसे संपर्क करके आप लोग अपना काम करवा सकते है।
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