प्रतिक्रमण में रस, रिद्धि और शब्द गारव का क्या अर्थ है?

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शंका

प्रतिक्रमण में रस, रिद्धि और शब्द गारव का क्या अर्थ है?

समाधान

रस गारव, रिद्धि गारव और साध गारव, ३ गारव होते हैं; शब्द गारव नहीं होता।  जिन्हें पहले रस-रसायनों की सिद्धि हो जाती थी, उसके होने का अभिमान हो जाना-रस गारव। ऐसे रसायन की सिद्धि हो गई कि चाहे जितना सोना बना लो, यह है रसायन शुद्धि।

विभिन्न प्रकार की ऋद्धियाँ, वैभव आ जाए और उसका अभिमान हो जाए, इसको बोलते हैं- ऋद्धि गारव। 

साध गारव, साधु की बड़ी प्रतिष्ठा हो, ठाठ-बाठ हो, लोग आगे-पीछे घूमते हों, राजा-महाराजा जिसके सामने किंकर बताते हों, इस गौरव का नाम- साध गारव।

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