हम जैनियों को शेयर बाज़ार (share market) से क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिये?
मुझे लगता है जैन, शेयर मार्केट से बहुत ज्यादा संख्या में जुड़ें है।
जैन धर्म की दृष्टि से शेयर बाज़ार क्या है? इसे समझो, सबसे पहले शेयर बाज़ार की मैं एक पंक्ति में व्याख्या करता हूँ:
‘जिस धंधे में माल खरीदने के बाद दाम घटे और माल बेच देने के बाद दाम बढ़े उसका नाम शेयर बाज़ार है।‘
यानि जो खरीदने में भी रुलाए और बेचने में भी रुलाए। यह आकुलता उत्पन्न करने वाला व्यापार है। इसलिये इससे बचना चाहिये। जैन धर्म की दृष्टि से आप क्या कहेंगे, जैन इसे करें या ना करें? मैं तो ये कहूंगा शेयर बाज़ार में आप शेयर के कारोबार से जुड़ते हैं तो यह व्यापार भी है और एक जुआ भी है।
व्यापार किस सीमा तक है और जुआ कब है? इसे समझें, यदि आप केवल Investment (निवेश) तक सीमित हैं, तो यह व्यापार है जो डिलीवरी आदि के माध्यम से आप लोग लेते हैं और फ़्यूचर-फटका का कार्यक्रम करते हैं तो विशुद्धतया जुआ है और यह धर्म कि दृष्टि से सर्वथा वर्जित है। तो कोई भी शेयर के कारोबार से जुड़े तो फ़्यूचर फटका बिल्कुल ना करे। इन्वेस्टमेंट के Purpose से जितना उनके पास पैसा है, वह इन्वेस्ट करे। नीचे दाम में ले, ऊपर में बेचे तो कोई हानि नहीं है लेकिन इसमें भी एक सावधानी हो, आप शेयर लेने के पहले देखें कि इस कंपनी का उत्पाद क्या है? यह कंपनी क्या बनाती है? क्या बेचती है? यदि कोई चर्म निर्मित उद्योग को संचालित करने वाली कंपनी है, उसका शेयर आप लेंगे तो उसकी पाप की कमाई का शेयर आपके पास आयेगा, तो पाप का शेयर भी आपके पास आयेगा। कोई शराब की कंपनी का शेयर आप लेते हैं, तो आप पाप करते हैं। कोई पाँच सितारा होटल चलाने वाली कंपनियों का शेयर अगर आप लेते हैं तो उनके यहाँ जितना मांसाहार होता है, अनुपाततः उतना शेयर भी आपके सिर पर जायेगा। इस तरह पाप का काम करने वाली कंपनियों का शेयर फ्री में मिले तो भी मत खरीदना क्योंकि उसके साथ पाप आयेगा।
सावधानी रखो, जिनके उत्पाद सही हैं, निर्वध हैं, जिनके व्यवसाय में किसी प्रकार की हिंसा नहीं है, आप उसी का शेयर लो। यह मत सोचो कि-“हम कुछ थोड़ी कर रहे हैं, हम तो केवल कागज का हिसाब-किताब कर रहे हैं।” नहीं, उस कंपनी की कमाई आपके पास आयेगी और कंपनी कमायेगी किससे? पाप से। तो पाप भी आपके माथे चढ़ेगा। इसलिये ऐसा कार्य कभी ना करो। शेयर बाज़ार के विषय में यही सावधानी अपेक्षित है। यह टोपी पहनाने का धंधा है और अगर आप शेयर के broker (दलाल) हो तो अगर आपके पास commision किसी पाप कमाने वाली कंपनी या होटल से आता है तो भी आप पाप के बराबर भागीदार हो।
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