सम्यक दर्शन के गुण-दोष क्या हैं?

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शंका

सामान्यतः सम्यक् दर्शन के २५ दोष कहे जाते हैं, क्या इतने ही गुण भी होते हैं? कृपया स्पष्ट करें।

समाधान

यदि आप सम्यक् दर्शन के २५ दोषों को हटायेंगे तो automatically (अनायास) गुण आयेंगे। रात जायेगी तो दिन तो आयेगा, अन्धेरा छंटेगा तो उजाला तो आयेगा। 

ऐसे सम्यक् दर्शन के ८ गुण और ८ अंग अलग-अलग बताये हैं। निःशंकित आदि आठ अंगों का तो आप को पता ही है। लेकिन सम्यक् दर्शन के आठ गुण भी बताये हैं। वे आठ गुण हैं: संवेग, निर्वेग, निंदा, गर्हा, वात्सल्य, उपशम, भक्ति, अनुकम्पा। ये सम्यक् दर्शन के आठ रूप आगम में बताए हैं।

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