शंका
जब भगवान तपस्यारत होते थे तो मन में क्या पढ़ते थे?
समाधान
भगवान तपस्या करते थे तो अपने मन में कुछ पढ़ते नहीं थे, अपने मन को पढ़ते थे। अर्थात मन में उत्पन्न होने वाले विचारों को देखते थे। अशुद्ध विचारों को निकालते थे और शुद्ध विचारों को धारण करते करते, तपस्या करके ध्यान में लीन हो जाते और मोक्ष पा जाते थे।
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