शंका
ओम का क्या अर्थ है?
गाथा जैन, जयपुर
समाधान
ओम का अर्थ है पंच परमेष्ठी; ओम का अर्थ है द्वादशांग; ओम का अर्थ ‘तीन लोक’ होता है।
पंच परमेष्ठी में अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु आते हैं। अरिहंत का अ, सिद्ध को अशरीरी भी कहते हैं, अतः उनका अ, आचार्य का आ, उपाध्याय का उ को मिलाने से वह ओ होता है; और साधु को मुनि भी कहते हैं, उनका म मिला दो तो ओम हो गया।
अधोलोक का अ मिला लो, उर्ध्व लोक का उ मिला दो, मध्य लोक का म मिला दो तो ओम बन जाता है।
भगवान की वाणी ओंकारमय होती है, उसी से द्वादशांग की रचना हुई इसलिए ओम का मतलब द्वादशांग यानि सम्पूर्ण जिनवाणी का सार होता है।
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