शिखरजी की वंदना से मिलने वाले उपवास के फल का क्या तात्पर्य है?

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शंका

अगर शिखरजी की वन्दना करने से कई करोड़ उपवास करने का फल मिलता है, तो १० – १५ उपवास करके भोज करवाने की क्या आवश्यकता हैं?

समाधान

उपवास करके भोज करवाने की तो कोई आवश्यकता नहीं है। मैं तो कहता हूँ तुम उपवास करो और लोगों को भोज दो, उसके विपरीत होना तो यह चाहिए कि जो उपवास करे लोग उसको भोज दें। ये तो उल्टी परिपाटी है, धर्म से इसका कोई नाता नहीं हैं।

दूसरी बात उपवास क्यों करें? तो ध्यान रखो वो उपवास सम्मेद शिखर की वन्दना का है, जो स्कीम में मिला हुआ उपवास है; और यहाँ तुम जो अपनी बुद्धि से उपवास गृहण करोगे वो तुम्हारे त्याग और तपस्या का उपवास है।

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