शंका
अनहद विद्या, अनहद स्वर और अनहद नाद का अर्थ समझाइए?
समाधान
कोशकारों के अनुसार अनहद का अर्थ है आघात रहित। आघात रहित विद्या को अनहद कहते हैं। कुछ विद्याएँ ऐसी होती हैं जो विशेष साधना से प्रकट होती हैं। अनहद नाद यानी ऐसी पराध्वनि जो बिना किसी आघात (ताल, दंत, ओष्ठ, आदि ) के स्पंदन द्वारा प्रकट होती है। “नि” और योगियों को सुनाई देने वाली एक आंतरिक ध्वनि जिसे माध्यम पावक कहते हैं, अनहद या अनाहत ध्वनि कहलाती हैं।
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