अष्टापद क्या है?

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शंका

पहले तीर्थंकर आदिनाथ भगवान कैलाश पर्वत से मोक्ष गये हैं तो अष्टापद क्यों जाते हैं?

समाधान

अष्टापद है क्या? अष्टापद ही कैलाश पर्वत है और अभी बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। अष्टापद के बारे में मेरे पास एक किताब आई, उसमें कुछ फोटो भी थे। नमोतीर्थस्य एक पत्रिका निकलती है श्वेताम्बर परम्परा से। उसमें अष्टापद को ही निर्वाण क्षेत्र कहा है। अष्टापद जो हमारा क्षेत्र है वो मूल है आदिनाथ भगवान का। “अट्ठावयम्मि उसहो” अष्टापद में ही भगवान ऋषभदेव का निर्वाण हुआ। अष्टापद और कैलाश दोनों एकार्थी हैं। उस अष्टापद पर्वत के पास वहाँ से कुछ दूरी पर एक सिद्धाश्रम नाम का स्थान है। उस सिद्धाश्रम में न सर्दी रहती है, न गर्मी रहती है। उसमें लिखा है कि आज भी वहाँ एक बड़ी लाइब्रेरी है और अनेक दिगम्बर मुनि हैं और वहाँ पैंसठ-पैंसठ मीटर की खड्गासन दिगम्बर प्रतिमाएँ हैं। पैंसठ मीटर मतलब लगभग दो सौ फुट। कुछ सुराखों से वहाँ की तस्वीरें ली गई हैं। उस लेख के अनुसार किसी अमित दोषी नामक व्यक्ति, जो स्वयं वहाँ गया है, बताया है। यद्यपि वो मूर्तियाँ सब दिगम्बर हैं पर उन्होंने उन मूर्तियों में कृत्रिम रूप से आँख वगैरह जड़ दीं और फोटो छापी। तो ये वास्तविकता है कि वहाँ की सारी प्रतिमाएँ दिगम्बर हैं। इस रहस्य को अगर उजागर कर लिया जाये तो दिगम्बर जैन संस्कृति हजारों वर्ष प्राचीन साबित होंगी। ऐसा पता चला है कि नासा के वैज्ञानिकों ने उनकी तस्वीरें खींची हैं, इसके बारे में और खोज होनी चाहिए। सैटेलाइट के माध्यम से तो इसका पूरा पता लग सकता है।

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