कर्म को प्रधान मानें या धर्म को?

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शंका

कर्म को प्रधान मानें या धर्म को?

समाधान

मैं एक ही बात पूछना चाहता हूँ, आप अपने जीवन में क्या चाहते हैं? Happiness (प्रसन्नता) या Richness (समृद्धि)?

उत्तर – मानसिक शांति !

बस मैं इतना ही कहना चाहता हूँ, अगर मन की प्रसन्नता चाहते हो तो धर्म को प्रधान करो और जीवन की संपन्नता चाहते हो तो कर्म में प्रधान बनो। पर मैं एक बीच का रास्ता बताता हूँ, धर्म की निष्ठा रखते हुए कर्म करो, जी भर कर के कर्म करो; केवल खटकर्म का त्याग कर दो; तो प्रसन्नता भी मिलेगी और संपन्नता भी मिलेगी।

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