शंका
सामायिक क्या होता है? क्या श्रावक लोग भी क्या सामायिक कर सकते हैं?
समाधान
ज़रूर कर सकते हैं। सामायिक का मतलब होता है-
“आर्त रौद्र वरित्यागः तद्धि सामायिकम् मतम्”
अपने मन में उत्पन्न होने वाले अशुभ विकल्पों को छोड़कर शुभ विकल्पों में स्थिर होना या समता में स्थिर होना सामायिक है। सामायिक का शाब्दिक अर्थ है- सम और आय से समाय और उसके प्रयोजन का नाम सामायिक है। जिससे समता की आय हो उसका नाम सामायिक है। हमारी सहन करने की क्षमता बढ़े और हमारे भीतर की सकारात्मकता जिससे बढ़े उसका नाम सामायिक है। हर गृहस्थ को सामायिक करना चाहिए। अपने मन को अशुभ से हटा कर शुभ में लगाने का नाम सामायिक है जो ध्यान का प्रारम्भिक रूप है।
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