शंका
हम भगवान का एक जन्माभिषेक करते हैं, दूसरी शांतिधारा करते हैं। अभिषेक के गन्धोदक और शांतिधारा के गन्धोदक में क्या अन्तर है? क्या उसके प्रभाव में अन्तर कोई है? शांति के साथ कर्माभिषेक है?
समाधान
पहले तो आप अपनी धारणा सुधारिए। हम भगवान का जन्माभिषेक नहीं करते, मन्दिर में जिनाभिषेक करते हैं। जन्माभिषेक तो सराग भगवान का होता है, ये वीतराग भगवान हैं, पंचकल्याण से संपन्नित भगवान हैं। जिनका सभी जिनबिंबों में होता है, वो जिनाभिषेक है। तो हम जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक करते हैं; और शांतिधारा और अभिषेक दो अलग-अलग चीज नहीं हैं। अभिषेक का ही एक बृहद रूप शांतिधारा है। धारा का नाम अभिषेक है; जिसमें विशिष्ट शांति मन्त्रों के उच्चारण पूर्वक अभिषेक किया जाए उसे शांतिधारा कहते हैं इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है।
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