शंका
अणुव्रत और व्रत प्रतिमा में क्या अन्तर है?
समाधान
अणुव्रत यानि छोटा सा व्रत; और व्रत प्रतिमा तब होती है जब पूरे बारह व्रत लिए जाते हैं।
एक दिन का व्रत लेने वाला भी अणुव्रती हो सकता है। अणुव्रत का पेट बहुत बड़ा है।
आचार्य समन्तभद्र ने यमपाल चांडाल को, जिसने केवल चतुर्दशी के दिन की हिंसा का परित्याग किया था, अहिंसाणुव्रती कह दिया। अणुव्रत एक दिन के हिंसा त्याग के बल्कि एक छोटे से पाप का त्याग ही अणुव्रत है। लेकिन व्रत प्रतिमा जिसमें बारह व्रतों का पालन, पाँच अणुव्रत, तीन गुण व्रत, चार शिक्षा व्रत और उससे पूर्व श्रावक के मूल गुणों के पालन के साथ, निरतिचार पालन हो, तब वो व्रत प्रतिमा होती है।
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