शंका
अरिहंत, तीर्थंकर और बाहुबली भगवान इनमें क्या असमानता है?
समाधान
अन्तर बस इतना ही है कि दोनों सोना है, एक गले का हार है और एक सामान्य सोना है। सोना तो सोना है। देखा जाए तो तुम्हारे गले के हार में और तुम्हारे सोने के बिस्किट में कोई अन्तर नहीं है या सोने में कोई अन्तर नहीं है। लेकिन जो तीर्थंकर होते हैं वह धर्म तीर्थ का प्रवर्तन करते हैं, चतुर्विध संघ की स्थापना करते हैं, द्वादशांग की रचना करते हैं। इसलिए तीर्थंकरों का हमारे जीवन में विशिष्ट स्थान होता है। बाकी अन्य जितने भी केवलज्ञानी होते हैं उनमें गुणों की दृष्टि से कोई अन्तर नहीं है। पर इनके द्वारा धर्म तीर्थ का प्रवर्तन नहीं होता।
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