शंका
सोलह कारण व्रत की विधि क्या है?
समाधान
सोलह कारण की कई विधियाँ है – उत्तम, मध्यम, जघन्य! उत्तम विधि तो बत्तीस उपवास करने की है, मध्यम विधि सोलह उपवास करने की; एक विधि- एक आहार, एक उपवास करने की है, बीच-बीच में अतिरिक्त उपवास भी होते हैं। एक विधि- बत्तीस दिन तक एकासन करने की, उसमें बीच में उपवास करने की विधि है। तो ये अलग-अलग विधियाँ हैं, जहाँ जैसी विधि है उसके अनुरूप करें। सोलह वर्ष करने पर यह व्रत पूर्ण होता है, पर कुछ जगह इसे कम वर्षों का भी दिया है जो सोलह कारण व्रत की विधि है उसमें से देख लेना।
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