शंका
आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं, मुनि महाराज जी, जगह-जगह, नवग्रह की पूजा, काल सर्प योग पूजा इत्यादि इनहीं दिनों में क्यों कराते हैं?
समाधान
जैन धर्म के अनुसार ऐसा कुछ नहीं है। कहा जाता है कि नवरात्रि में सब देवता जागृत होते हैं, जैन धर्म के अनुसार देवता कभी सोते ही नहीं तो जागने की बात ही क्या? वस्तुतः जैन धर्म के अनुसार ऐसी कोई नवरात्रि नहीं है। अगर मुझसे पूछो कि सच्ची नवरात्रि क्या है?- तो पाँच पाप और चार कषाय का अन्धकार ही हमारे भीतर की असली नवरात्रि है। उनको समाप्त करो, चेतना को जगा लो, और कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस तरह की क्रियाओं की पुनरावृत्ति मुझे जैन धर्म सम्मत नहीं प्रतीत होती।
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