शंका
सिद्ध चक्र मंडल महाविधान के अर्घ में ‘अर्धनारीश्वराय नमः’ का क्या अर्थ है ?
समाधान
यह भगवान के 1008 नामों में है,
“अर्धम ते नारियो अस्मात, अर्धनारीश्वरो स्वतः!”
भगवान का एक नाम है अर्धनारीश्वर, मतलब आपके अरि कर्म हैं, मतलब शत्रु हैं। कर्म शत्रु हैं आठ! तो ‘तेय अर्ध आरियो यानी चार कर्म नहीं हैं, ” ते अरीयो अर्ध अरियो ते न!”
आप के आठ आधे अरि नहीं है इसलिए आप अर्धनारीश्वर हो गए, यह व्युत्पत्ति है कि- भगवान ही अर्धनारीश्वर हैं क्योंकि उनके आधे शत्रु नहीं है। सहस्त्रनाम पढ़ते हो ना! उसमें एक पंक्ति है-
अर्धम ते नरियो अस्मात, अर्धनारी स्वरोस्यतः।
उसका अर्थ यह है।
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