मैंने जो गुणायतन का अध्ययन किया था उसमें एक बात आई थी कि ‘सात भवों को जानें’, कृपया उसको समझाएँ?
वास्तव में समवसरण भामंडल होता है और उस भामंडल का ऐसा अतिशय होता है कि तीन अतीत के, तीन भविष्य के और एक वर्तमान के- ऐसे सात भव दिखते हैं; ऐसी कोशिश है गुणायतन में। वो अब लगभग अन्तिम रूप में आ रहा है लेकिन समय के बारे में निश्चित रूप में नहीं कहा जा सकता। लेकिन ये टेक्नोलॉजी यहाँ होगी जब आप समवसरण देखेंगे, चौदह गुणस्थान में सयोग केवली अवस्था देखेंगे। उसमें पूरी कोशिश है कि आपको आपके सात भव के प्रतीक रूप आपके ही सात चित्र दिखाई दें। यहाँ इसका प्रयास चल रहा है।
मैं आपको क्या बताऊँ कि गुणायतन की जो परिकल्पना है वो विश्व का अजूबा बनेगी। यहाँ समवसरण की जो संरचना होगी, वह भी एक टेक्नोलॉजी से होगी। उसमें कोशिश होगी कि जैसा शास्त्र में समवसरण का वर्णन है वह सब आप यहाँ पर देख सको। प्रयास चल रहा है इस पर काफी रिसर्च चल रही है। अभी तीन से छह महीने और लग जाएँगे क्योंकि यहाँ जो बन रहा है वह विश्व में कहीं भी बना नहीं। जो एक्सपर्ट हैं उन्हें मैं भाव देता हूँ तो कहते हैं कि हो जायेगा, गुरूवर की कृपा है, भगवान का आशीर्वाद है हो जाएगा। अभी हुआ नहीं, जब हो जायेगा तब आप को मजा आयेगा।
Leave a Reply