शंका
वर्तमान में समाज में रात्रिकालीन प्रवचन एवं पाठशालाएँ समाप्त सी हैं।कृपया उनके पुर्नजीवन हेतु मार्गदर्शन करें?
समाधान
आजकल लोगों की रूचियाँ स्वाध्याय के प्रति कम हो गईं हैं। यदि पाठशाला आदि में कम शामिल होते हैं तो उनको स्वाध्याय करना चाहिए। ये लाभ लेना चाहिए। इसे पुनः प्रवर्तित करना चाहिए। इसके क्षीण होने पीछे दो कारण हैं-एक तो समाज की व्यवस्था का नुकसान; और दूसरी बात योग्य विद्वानों का अभाव! इसलिए ये दोनों चीजें है इसको प्रोत्साहित करना चाहिए।
अभी ये जो कार्यक्रम चल रहा है ये पाठशाला और प्रवचन का ही कार्यक्रम है। लोग आनन्द ले रहे हैं। हमें योग्य विद्वानों का अभाव है। इसलिए ये दोनों चीजें है। इसको प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें योग्य विद्वानों को जोड़ने की आवश्यकता है और उनको ठीक ढंग से समझाने की आवश्यकता है।
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