शंका
धर्म, दर्शन और न्याय में क्या संबंध है?
समाधान
आज विडम्बना यह है कि न्याय के प्रति लोगों की रुचि कम है, उसका स्वाध्याय भी लोग कम कर रहे हैं। धर्म, आचार का नाम है, दर्शन, विचार का नाम है; और आचार और विचार दोनों ही चाहिए।
आचार और विचार को तर्क की कसौटी पर सही सिद्ध करने की प्रणाली का नाम ही ‘न्याय’ है।
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