शंका
तीर्थंकरों का परम औदारिक शरीर जन्म से ही होता है या केवल ज्ञान होने के बाद होता है और इसकी क्या विशेषता होती है?
कुसुमलता जैन
समाधान
केवल ज्ञान होने के बाद परम औदारिक शरीर होता है। औदारिक और परम औदारिक शरीर में यह अन्तर है कि औदारिक शरीर में निगोदिया जीव होते हैं और परम औदारिक होते ही निगोदिया जीव नहीं होतें और उनका शरीर स्फटिक की तरह एकदम शुद्ध और पारदर्शी बन जाता है।
Leave a Reply