जब हम यदि गाड़ी से सफर कर रहे हों तो एक्सीडेंट का डर बना रहता है और ऐसे में अचानक मृत्यु आपके सामने खड़ी हो तो क्या नियम ले सकते हैं, समाधि मरण जैसा तो नहीं पर कुछ वैसा ही?
जब अचानक या आकस्मिक ऐसा कोई संयोग बने, लगे कि मौत सामने है, तो हम मुनियों के लिए एक व्यवस्था दी गई हें “संक्षेप प्रत्याखान विधि”। संक्षेप प्रत्याखान विधि का मतलब है कि आप झटपट सब जीवों से क्षमा मांगते हुए, सब जीवों को क्षमा करते हुए, चारों प्रकार के आहार का त्याग, एक समय तक त्याग दीजिए कि जब तक मैं इस उपसर्ग से मुक्त नहीं होता, तब तक चारों प्रकार के आहार का त्याग है। मैं सभी जीवों को क्षमा करता हूँ, सब जीव मुझे क्षमा करें और अपनी आत्मा का स्मरण करें, आत्मा के स्वरूप को जानें और णमोकार मन्त्र जपें। जब स्थिति सामान्य हो जाए और चले जाए। ऐसी स्थिति में अगर कोई दुर्घटना घटी और आपका १०० वर्ष पूरा हो गया तो आप सदगति के पात्र होंगे।
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