शंका
हम एक बार सम्मेद शिखरजी जा रहे थे, तब हमारी ट्रेन के नीचे आकर एक गाय मर गई थी। हमे बहुत दुःख है और बार-बार हमें इसका पश्चाताप होता है। हम इसका निवारण कैसे करें?
आरती जैन, महिदपुर, मध्य प्रदेश
समाधान
इस तरह की कोई भी दुर्घटना घट जाये, जैसे यह आपको दिख गयी, तो जीव हिंसा तो होती ही है। इसलिए प्रवृत्तियाँ सीमित होनी चाहिए। जब कभी अपनी किसी प्रवृत्ति से जीव हिंसा की कोई सम्भावना दिखती है या इस तरह का प्रत्यक्ष कोई दृष्टिगोचर होता है, तो गुरुओं के समक्ष जाकर अपनी व्यथा कहकर उनसे प्रायश्चित्त लेना चाहिए।
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