शंका
स्वाध्याय का क्रम क्या हो और उसका क्या असर होता है?
समाधान
स्वाध्याय अपना एक कर्म है, उसको अपने ढंग से करें। सबसे पहले अगर आपको स्वाध्याय करना है, तो उसकी शुरुआत जैन धर्म और दर्शन से शुरू करें, आप जैन आगम में प्रवेश होकर आगे बढ़ेंगे। स्वाध्याय करने से हमारे परिणाम निर्मल होते हैं, भाव दशा अच्छी होती है।
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