शंका
हम मन्दिर में भगवान की परिक्रमा लगाते हैं तो हमें परिक्रमा लगाने के समय क्या बोलकर परिक्रमा लगानी चाहिए?
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समाधान
परिक्रमा लगाते समय कुछ नहीं आता है, तो णमोकार मंत्र बोले, हो सके तो कोई विनती पढ़े, कोई पाठ पढ़े, ‘प्रभु पतित पावन’ की विनती पढ़ लें या आपको जो पाठ स्मरण में हो वह पाठ पढ़े या कुछ भी नहीं है, तो मन में यह भाव भायें कि “हम तीन लोक के नाथ की तीन परिक्रमा लगा रहे हैं, हे भगवान! मेरी आत्मा में ऐसी शक्ति आए कि मैं भी संसार में राग-द्वेष-मोह को जीतकर आपके मार्ग में चल सकूँ।”
Edited by: Pramanik Samooh
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